पूरा देश उस समय अचरज से भर गया जब नए संसद भवन में लोकसभा सदन की दर्शक दीर्घा से गुरूवार को दो युवक सदन की कार्यवाही के दौरान नीचे कूद पड़े और स्मोग बम से धुआं फैलाया। जहां एक ओर यह घटना सुरक्षा व्यवस्था पर प्रश्न खड़े करती है तो वहीं दूसरी ओर देश के बेरोजगार युवाओं की समस्याओं की ओर सरकार का ध्यान भी आकृष्ट करती है।
जलियांवाला बाग़ की दीवारों पर अभी भी ज़िंदा हैं अंग्रेज़ी क्रूरता के निशान..
पंजाब राज्य के अमृतसर शहर के मध्य में, स्वर्ण मंदिर के पास स्थित यह उद्यान आज भी मौजूद है। जो 1919 के जलियांवाला बाग नरसंहार की याद दिलाता है। जलियांवाला बाग 6.5 एकड़ का सार्वजनिक उद्यान है जो राष्ट्रीय महत्व रखता है। यह उन सभी लोगों के लिए समर्पित एक उद्यान है जिन्होंने कुख्यात जनरल डायर की खुली गोलीबारी के दौरान अपनी जान गंवा दी थी।
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