बिहार सरकार का मानना है कि जातीय जनगणना के माध्यम से हाशिए पर खड़ी जातियों का ना सिर्फ़ उत्थान संभव है बल्कि उन्हें एक बेहतर जीवन भी मुहैया कराया जा सकेगा। ये आंकड़े भविष्य में राज्य की नीतियां बनाने में सहयोगी अवयव होंगे। लेकिन प्रश्न ये भी उठता है कि क्या मात्र जातीय जनगणना के आंकड़ों से ही सब तक एक समान न्याय और विकास पहुंचेगा या इसकी जमीनी हकीकत कुछ और है?
जलियांवाला बाग़ की दीवारों पर अभी भी ज़िंदा हैं अंग्रेज़ी क्रूरता के निशान..
पंजाब राज्य के अमृतसर शहर के मध्य में, स्वर्ण मंदिर के पास स्थित यह उद्यान आज भी मौजूद है। जो 1919 के जलियांवाला बाग नरसंहार की याद दिलाता है। जलियांवाला बाग 6.5 एकड़ का सार्वजनिक उद्यान है जो राष्ट्रीय महत्व रखता है। यह उन सभी लोगों के लिए समर्पित एक उद्यान है जिन्होंने कुख्यात जनरल डायर की खुली गोलीबारी के दौरान अपनी जान गंवा दी थी।
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