इस देश में लड्डू और गुठली जैसे लाखों बच्चें है, जो इस देश की गंदगी साफ़ करने में ही अपना बचपन खफा देते हैं। सरकार की हजारों योजनाओं के बाद भी उन तक उसका लाभ नहीं पहुंचता है। ये फ़िल्म न सिर्फ़ जाति व्यवस्था की सच्चाई उजागर करती है बल्कि उस पर प्रहार भी करती है।
जलियांवाला बाग़ की दीवारों पर अभी भी ज़िंदा हैं अंग्रेज़ी क्रूरता के निशान..
पंजाब राज्य के अमृतसर शहर के मध्य में, स्वर्ण मंदिर के पास स्थित यह उद्यान आज भी मौजूद है। जो 1919 के जलियांवाला बाग नरसंहार की याद दिलाता है। जलियांवाला बाग 6.5 एकड़ का सार्वजनिक उद्यान है जो राष्ट्रीय महत्व रखता है। यह उन सभी लोगों के लिए समर्पित एक उद्यान है जिन्होंने कुख्यात जनरल डायर की खुली गोलीबारी के दौरान अपनी जान गंवा दी थी।
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