त्योहारों में अपने घरों को लौटते मजदूर रेलगाड़ियों के शौचालयों में बैठकर यात्रा करने के लिए मजबूर हैं। देश की बढ़ती जनसंख्या के साथ भले ही सरकार त्योहारों पर स्पेशल ट्रेनें चलवा रही हो लेकिन भारी संख्या में घर लौटते मजदूरों के लिए ट्रेनों में मुश्किल से मिले सामान्य श्रेणी के दो डिब्बे पर्याप्त नहीं है। यह स्थिति सिर्फ त्योहारों की नहीं है बल्कि पूरे बारहमास की है।
जलियांवाला बाग़ की दीवारों पर अभी भी ज़िंदा हैं अंग्रेज़ी क्रूरता के निशान..
पंजाब राज्य के अमृतसर शहर के मध्य में, स्वर्ण मंदिर के पास स्थित यह उद्यान आज भी मौजूद है। जो 1919 के जलियांवाला बाग नरसंहार की याद दिलाता है। जलियांवाला बाग 6.5 एकड़ का सार्वजनिक उद्यान है जो राष्ट्रीय महत्व रखता है। यह उन सभी लोगों के लिए समर्पित एक उद्यान है जिन्होंने कुख्यात जनरल डायर की खुली गोलीबारी के दौरान अपनी जान गंवा दी थी।
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