देश उस समय अचरज से भर गया जब नए संसद भवन में लोकसभा सदन की दर्शक दीर्घा से गुरूवार को दो युवक सदन की कार्यवाही के दौरान नीचे कूद पड़े और स्मोग बम से धुआं फैलाया। जहां एक ओर यह घटना सुरक्षा व्यवस्था पर प्रश्न खड़े करती है तो वहीं दूसरी ओर देश के बेरोजगार युवाओं की समस्याओं की ओर सरकार का ध्यान भी आकृष्ट करती है।
दिल्ली पुलिस ने इस घटना से संबंधित जिन चार युवकों को गिरफ्तार किया है, उनमें एक बात समान थी कि वे सभी नौकरी पेशा को लेकर दिक्कतों का सामना कर रहे थे और बेहद ही सामान्य परिवार से ताल्लुक रखते हैं । इतना ही नहीं इन युवाओं ने देश के अच्छे संस्थानों से उच्च शिक्षा भी प्राप्त की है । इन चार युवकों में एक युवती नीलम भी शामिल है जिसने ना सिर्फ़ छः अलग-अलग विषयों में डिग्रियां हासिल की है अपितु बीए, एमए, एमएड और सीसेट की परीक्षा भी उत्तीर्ण की है और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रही है। महाराष्ट्र का अमोल शिंदे पुलिस सेवा में भर्ती होना चाहता था और इसके लिए वह तैयारी भी कर रहा था। वहीं उत्तर प्रदेश निवासी सागर शर्मा ई रिक्शा चालक है और नौकरी की तलाश में भटक रहा था। मूल रूप से कर्नाटक का रहने वाला डी मनोरंजन भी इंजीनियरिग की पढ़ाई पूरी करने के बाद बेरोजगार था।
ऐसा नहीं है कि ये युवक किसी आतंकी संगठन से जुड़े थे बल्कि इसी देश के एक सामान्य नागरिक थे। डी मनोरंजन के पिता का कहना है कि उनका बेटा सच्चा और ईमानदार है और अगर उसने गलत किया है तो उसे फांसी दे दी जाए। नीलम भी इससे पूर्व किसान और महिला आंदोलनों में सक्रिय रही है।
ये कहना गलत नहीं होगा कि इन चार युवाओं ने जो किया वो देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था पर चोट है और पूरी तरह से गलत है। असहमति और विरोध जताने का तरीका यदि कोई दूसरा होता तो शायद कुछ बात बनती। लेकिन संसद की सुरक्षा में सेंध लगाना न सिर्फ़ असंवैधानिक है है बल्कि दुर्भाग्यपूर्ण भी है। ऐसे में सरकार ना ही उनकी मांगें पूरी करेगी बल्कि उन पर उचित कार्रवाही भी करेगी।
सरकार को चाहिए कि वो युवाओं और देश की अन्य समस्याओं पर भी गहरा चिंतन मनन करें और उनका हल तलाश करे ताकि देश के नागरिकों को उनके हक प्राप्त हो सकें । साथ ही देश के युवाओं को भी ये सनद रहे कि विरोध करने के अन्य तरीके भी है। देश की मर्यादा पर प्रहार करना उन्हें और अधिक कमज़ोर कर देगा। देश के जिम्मेदार नागरिक होने के नाते देश के गौरव पर आँच ना आने देना उनकी ही नहीं देश के प्रत्येक नागरिक को जिम्मेदारी है।
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