रेख्ता फाउंडेशन द्वारा तीन दिवसीय उर्दू साहित्य का उत्सव "जश्न-ए-रेख़्ता" की शुरूआत नई दिल्ली स्थित मेजर ध्यानचंद स्टेडियम में हो गई है। यह उत्सव आज से शुरू होकर 9 और 10 दिसंबर तक चलेगा। जश्न-ए-रेख्ता उत्सव में 200 से अधिक कलाकार शामिल होंगे और तीन दिनों में 50 से अधिक सत्रों का आयोजन किया जाएगा। इस कार्यक्रम में हाथ से बने पुराने जमाने की कलाकृतियों की दुकानें भी इस बार लगाई गई हैं । साथ ही यह आयोजन हर बार की तरह नए शायरों को भी एक मंच प्रदान करता है। इस बार भी देश भर से चुने हुए नए शायरों को यहां अपनी रचनाएं पढ़ने का मौका दिया जाएगा। इसके साथ ही उर्दू और हिंदी साहित्य पढ़ने के शौकीन लोगों के लिए भी यह आयोजन एक बेहद सुनहरा मौका रहेगा क्योंकि यहां पर पुस्तक मेले का भी आयोजन किया गया है।
इस कार्यक्रम की शुरूआत रेख्ता फाउंडेशन के संस्थापक संजीव सराफ का उद्घाटन भाषण के साथ हुई। महोत्सव के पहले दिन पार्श्व गायिका रेखा भारद्वाज, संगीतकार और फिल्म निर्माता विशाल भारद्वाज और गीतकार जावेद अख्तर ने ग़ज़ल और गायन का जादू दर्शकों के ऊपर बिखेरा।
इस बार का महोत्सव विभिन्न सत्रों और प्रदर्शनों के माध्यम से 18वीं सदी के उर्दू कवि मीर तकी मीर के 300 साल पूरे होने को भी समर्पित रहेगा। आपको बता दें कि इस कार्यक्रम का आगाज़ साल 2013 में शुरु किया गया था। इस आयोजन का उद्देश्य भाषा और संस्कृति को बढ़ावा देना है। यह समारोह शेरो शायरी के अलावा ग़ज़ल, कव्वाली और अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए मशहूर है। यह महोत्सव उर्दू कविता , उर्दू साहित्य , कव्वाली के साथ-साथ ग़ज़ल , सूफी संगीत , गायन, पैनल चर्चा, बहस, फिल्मों पर बातचीत और सुलेख कार्यशालाओं जैसे प्रदर्शनों को प्रदर्शित करता है। इसमें शॉपिंग और फूड फेस्टिवल भी शामिल किया जाता है । यह उर्दू प्रेमियों को अपनी कविताओं और कहानियों को विभिन्न खुले मंचों पर साझा करने के लिए एक मंच प्रदान करता है।
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